Sunday 22 January 2012

दर्द


दर्द इस तरह जिंदगी में घुल जाता है कि  

जिंदगी का दूसरा नाम दर्द हो जाता है।  

मगर दर्द का मरने से पहले कोई इलाज नहीं। 
  
जिंदगी का मतलब है दर्द के पिंजरे में पूरी हयात का कैद रहना।

इस तरह वे दर्द को अपनी तकदीर समझ कर उसे अपनालेतेहैं।  

मगर हर बार गम बर्दाश् कर पाना संभाव नहीं होता।  

हर बार दिल को तसल्ली नहीं दी जा सकती।  

आखिर दिल दिल है, पत्थर तो नहीं।

''तुम मेरे पास होते हो मोया जब कोई दूसरा नहीं होता''